We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / कविता चौधरी
नई दिल्ली :- भारतीय नौसेना को आज यानी गुरुवार को अपनी दूसरी परमाणु पनडुब्बी INS अरिघाट मिल गई है। यह एक SSBN यानी शिप सबमर्सिबल बैलिस्टिक न्यूक्लियर सबमरीन है, जिसकी खूबियां ऐसी हैं कि यह समुद्र की 'महाबली' बन जाती है। कमीशनिंग समारोह के दौरान कई सैन्य अधिकारी मौजूद रहे। इसके साथ ही भारत के पास दो SSBN INS अरिघाट (S-2) और INS अरिघाट हो गए हैं। आइए जानते हैं कि भारतीय नौसेना के बेड़े में INS अरिघाट के शामिल होने से समुद्र में देश की ताकत किस तरह बढ़ेगी।
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भारत को मिलेगी नई ताकत
यह पनडुब्बी इतनी ताकतवर है कि समुद्र में इसकी मौजूदगी से चीन के पसीने छूट जाएंगे। परमाणु ऊर्जा से चलने वाली यह पनडुब्बी समुद्र में ड्रैगन के नापाक इरादों को नाकाम कर देगी। अरिघाट एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है 'दुश्मनों का नाश करने वाली'। यह पनडुब्बी अपने नाम के अनुरूप ही दुश्मन देशों के खेमे में तबाही मचाएगी। INS अरिघाट के भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने से उसे समुद्र में नई ताकत मिलेगी। INS अरिघाट को साल 2017 में लॉन्च किया गया था। अब आखिरकार इसे कमीशन कर दिया गया है। यह भी पढ़ें: क्या है कैलिफोर्नियम, जो दुनिया को तबाह करने की ताकत रखता है, बिहार में मिलने से मचा हड़कंप!
आईएनएस अरिघाट पनडुब्बी की खासियतें
आईएनएस अरिघाट को नौसेना के विशाखापत्तनम स्थित शिप बिल्डिंग सेंटर में बनाया गया है। आइए जानते हैं आईएनएस अरिघाट पनडुब्बी की क्या खासियतें हैं, यह आईएनएस अरिहंत से किस तरह अलग है।
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आईएनएस अरिघाट पनडुब्बी अरिहंत श्रेणी की दूसरी स्वदेश निर्मित परमाणु पनडुब्बी है।
अरिघाट 750 किलोमीटर की रेंज वाली K-15 मिसाइलों से लैस होगी, जिसके हमले से दुश्मन देशों के पसीने छूट जाएंगे।
आईएनएस अरिघाट पनडुब्बी का वजन 6 हजार टन (60 हजार क्विंटल) है। इसकी लंबाई 111.6 मीटर, चौड़ाई 11 मीटर, गहराई (ड्राफ्ट) 9.5 मीटर है।
पानी के अंदर इस पनडुब्बी की गति 24 नॉटिकल मील प्रति घंटा होगी जबकि पानी की सतह से ऊपर इस पनडुब्बी की गति 12 से 15 नॉटिकल मील प्रति घंटा होगी।
आईएनएस अरिघाट पनडुब्बी परमाणु ऊर्जा से चलती है, जो समुद्र के अंदर मिसाइल हमले करने में सक्षम है।
इस पनडुब्बी के मिलने से भारत समुद्र में किसी भी युद्ध की स्थिति में रणनीति बनाने में सफल हो जाएगा।
आईएनएस अरिघाट से यह पनडुब्बी किस तरह अलग है?
आईएनएस अरिघाट भारतीय नौसेना में पहले से शामिल आईएनएस अरिघाट पनडुब्बी का उन्नत संस्करण है। आईएनएस अरिघाट को वर्ष 2009 में शामिल किया गया था।
यह पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट से लंबी और अधिक सक्षम है। इतना ही नहीं, इसमें अधिक मिसाइलें लगाई जा सकती हैं।
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कैसे बढ़ेगी समुद्र में देश की ताकत?
6 हजार टन वजनी आईएनएस अरिघाट इंडो पैसिफिक क्षेत्र में देश की ताकत को कई गुना बढ़ा देगी। महीनों तक समुद्र में रहने के कारण इस पनडुब्बी की मदद से लंबी दूरी तक पेट्रोलिंग की जा सकेगी।
ऐसा होने पर भारतीय नौसेना समुद्र में दूर-दूर तक दुश्मनों की गतिविधियों पर नज़र रख सकेगी। साथ ही, दुश्मनों को समय रहते जवाब भी दे सकेगी।
INS अरिघात के बेड़े में शामिल होने से भारत अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के अलावा दुनिया का छठा परमाणु त्रिभुज वाला देश बन जाएगा।
त्रिकोण का मतलब है कि इस पनडुब्बी से हवा, पानी और ज़मीन से परमाणु मिसाइलें दागी जा सकेंगी।
INS अरिघात में बड़े पैमाने पर परमाणु क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलें लगाई जा सकेंगी।
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