We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / अंजली कुमारी
नई दिल्ली:- केंद्र सरकार ने 156 दवाओं को प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया है. ये सभी दवाएं फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) थीं. एफडीसी ऐसी दवाओं को कहा जाता है जिसमें एक से ज्यादा दवाओं का कॉम्बिनेशन पाया जाता है. इसे आम भाषा में कॉकटेल दवाएं कहा जाता है. केंद्र सरकार की ओर से जारी घोषणापत्र के मुताबिक ऐसी दवाएं किसान के लिए खतरा साबित हो सकती हैं. इस दौरान कहा जा रहा है कि इनके सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं. अधिसूचना के मुताबिक केंद्र की ओर से गठित विशेषज्ञों की एक समिति ने इन दवाओं को शरीर के लिए हानिकारक बताया है.
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अधिसूचना के मुताबिक केंद्र की ओर से गठित विशेषज्ञों की एक समिति ने इन दवाओं को सही नहीं पाया है. इसके साथ ही ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड जैसे शीर्ष पैनल ने भी इन दवाओं के कॉम्बिनेशन की जांच की है. कहा गया है कि दवाओं के कॉम्बिनेशन का कोई मेडिकल औचित्य नहीं है. ऐसे में जनता के कल्याण के लिए औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 26ए के तहत इस एफडीसी के उत्पादन, बिक्री या वितरण पर प्रतिबंध जरूरी है। इन दवाओं के इस्तेमाल और मरीजों को बेचने पर भी प्रतिबंध है। हालांकि, उद्योग अभी भी प्रतिबंध के प्रभाव का आकलन कर रहा है। प्रतिबंधित उत्पादों की सूची में शामिल कुछ उत्पादों को पहले ही बंद किया जा चुका है।
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प्रतिबंधित दवाओं में से एक एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन के साथ एडापेलीन का संयोजन है। इसका उपयोग मुंहासों के इलाज के लिए किया जाता है। इन दवाओं पर लगाया गया प्रतिबंध - एसीक्लोफेनाक 50 मिलीग्राम + पैरासिटामोल 125 मिलीग्राम टैबलेट पर प्रतिबंध है। पैरासिटामोल + पेंटाजोसीन के संयोजन पर प्रतिबंध है। लेवोसेटिरिज़िन + फिनाइलफ्रीन के संयोजन पर भी प्रतिबंध है। मैग्नीशियम क्लोराइड पर भी प्रतिबंध है। इसका उपयोग पोषण संबंधी कमियों के उपचार में किया जाता है। पैरासिटामोल, ट्रामाडोल, टॉरिन और कैफीन के संयोजन पर भी प्रतिबंध है।
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