We News 24 » रिपोर्टिंग सूत्र / कविता चौधरी
नई दिल्ली :- सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर में स्कूल और कॉलेज बंद होने के प्रभावों पर गंभीरता से विचार करते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से भौतिक कक्षाओं की संभावनाओं पर विचार करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने बच्चों के शारीरिक और शैक्षिक विकास को ध्यान में रखते हुए यह चिंता व्यक्त की है कि घर पर वायु प्यूरीफायर की अनुपलब्धता से कई छात्र प्रभावित हो रहे हैं।
कोर्ट के मुख्य निर्देश:
- स्कूल खोलने पर विचार: कोर्ट ने CAQM से कहा है कि वह स्कूल खोलने की संभावना पर विचार करे, क्योंकि ऑनलाइन शिक्षा में बच्चों को कई बुनियादी संसाधनों की कमी हो रही है।
- GRAP-4 प्रतिबंध जारी: वायु गुणवत्ता में सुधार होने तक GRAP-4 के तहत लागू प्रतिबंधों में किसी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी।
- मजदूरों को राहत: ग्रेप-4 के कारण मजदूर और दिहाड़ी मजदूर प्रभावित हुए हैं। पीठ ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि जहां भी निर्माण पर प्रतिबंध लगा है, वहां श्रम उपकर के रूप में इकट्ठा किया पैसा उनके खर्चे के लिए उपयोग करें। प्रतिबंधों के अनुसार, दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है, सिर्फ जरूर सामान ले जाने वालों को प्रवेश दिया जा रहा है।
- AQI की निगरानी: सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता में सुधार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया।
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वायु गुणवत्ता में सुधार:
हाल के दिनों में दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ है। दिल्ली का AQI 281 (खतरनाक से अस्वस्थ स्तर) पर दर्ज किया गया, जो पहले 'गंभीर प्लस' श्रेणी में था।
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पृष्ठभूमि:
2017 में लागू GRAP के तहत प्रदूषण नियंत्रण के विभिन्न स्तरों पर उपाय निर्धारित किए गए हैं। GRAP-4 वायु गुणवत्ता के अत्यधिक खराब होने पर लागू होता है और इसमें निर्माण, ट्रकों के प्रवेश, और औद्योगिक गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध शामिल हैं।
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