We News 24 » रिपोर्टिंग सूत्र / सुजीत कुमार विश्वास
कोलकाता:- आरजी कर कांड को लेकर 41 दिनों से हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल समाप्त करने का फैसला किया है और शनिवार से काम पर लौटने की घोषणा की है। उन्होंने स्वास्थ्य भवन के सामने 10 दिनों से चल रहे धरने को भी समाप्त कर दिया है।
हालांकि, जूनियर डॉक्टरों ने यह स्पष्ट किया है कि मृत महिला डॉक्टर को न्याय मिलने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस निर्णय के पीछे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ हुई बैठकों का बड़ा योगदान है, जहां डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया गया था।
काम पर वापसी और आंदोलन की योजनाएं
जूनियर डॉक्टर शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन से सीबीआई के सीजीओ कांप्लेक्स स्थित दफ्तर तक जुलूस निकालेंगे और शनिवार से काम पर लौट जाएंगे। साथ ही, उनकी योजना राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में 'अभया क्लीनिक' चलाने की भी है।
सुरक्षा के उपाय
मुख्य सचिव ने सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं, जिनमें आन ड्यूटी रूम, शौचालय, सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था, पैनिक बटन, आंतरिक शिकायत कमेटी और अन्य कमेटियों को सक्रिय रखने, हेल्पलाइन नंबर चालू करने, पर्याप्त पुलिसकर्मियों की तैनाती, महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने और रात में गश्त लगाने के प्रावधान शामिल हैं। बंगाल पुलिस के पूर्व महानिदेशक सुरजीत कर पुरकायस्थ को सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों का सुरक्षा ऑडिट करने का दायित्व सौंपा गया है।
आंदोलन की स्थिति
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों में से एक, डॉक्टर अकीब ने कहा कि न्याय के लिए उनकी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा, "हमने अपने आंदोलन के दौरान बहुत कुछ हासिल किया है, लेकिन कई चीजें अधूरी रह गई हैं। हमने कोलकाता पुलिस आयुक्त का इस्तीफा मांगा और डीएमई, डीएचएस का भी इस्तीफा लिया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आंदोलन खत्म हो गया है। हम इसे नए तरीके से आगे बढ़ाएंगे।"
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