We News 24 » रिपोर्टिंग सूत्र / कृष्णन उन्निन
आंध्र प्रदेश:- में भगवान तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल किए गए घी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। जांच में प्रसाद में उपयोग किए गए घी में एनिमल फैट (पशु वसा) पाए जाने की बात सामने आई है, जिससे राज्य की सियासत गर्म हो गई है।इससे आंध्र प्रदेश की सियासत गर्मा गई है. इसे लेकर तेलुगुदेशम पार्टी (टीडीपी) और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) में तीखी बहस देखने को मिल रही है. इस मामले में आंध प्रदेश के सीएम चंद्र बाबू नायडू का कहना है कि अनियमियता में शामिल किसी भी शख्स को छोड़ा नहीं जाएगा. इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
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घटना का विवरण
जांच के परिणाम: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसिद्ध प्रसाद 'लड्डू' में उपयोग किए गए घी के सैंपल की जांच में एनिमल फैट पाए जाने की पुष्टि हुई है।
प्रसाद की महत्ता: तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसाद, विशेष रूप से लड्डू, श्रद्धालुओं के बीच अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस प्रकार की जानकारी सामने आने से भक्तों में आक्रोश और चिंता बढ़ गई है।
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सियासी प्रतिक्रियाएं
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया: आंध्र प्रदेश में विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार और मंदिर प्रशासन पर निशाना साधा है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सरकार का बयान: राज्य सरकार और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच का आदेश दिया है। वे यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि इस प्रकार की घटना दोबारा न हो।
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मंदिर प्रशासन की प्रतिक्रिया
टीटीडी का बयान: तिरुमला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड ने इस मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा है कि वे इस तरह के आरोपों को गंभीरता से ले रहे हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि भक्तों की आस्था के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
घी के स्रोत की जांच: मंदिर प्रशासन ने घी के स्रोत और आपूर्तिकर्ता की भी जांच शुरू कर दी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में इस प्रकार की समस्याएं न हों।
भक्तों की प्रतिक्रिया
इस खबर के बाद श्रद्धालुओं में निराशा और आक्रोश है। वे मंदिर प्रशासन से इस मामले में पूरी पारदर्शिता और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
आगामी कदम
विशेष जांच टीम: मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने एक विशेष जांच टीम का गठन किया है जो इस मामले की विस्तृत जांच करेगी।
सख्त निगरानी: भविष्य में प्रसाद की गुणवत्ता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए प्रसाद निर्माण प्रक्रिया पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।
इस विवाद ने न केवल धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाई है बल्कि प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार और मंदिर प्रशासन को इस मामले में शीघ्र और निष्पक्ष कार्रवाई करनी होगी ताकि श्रद्धालुओं की आस्था बनी रहे।
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