We News 24 » रिपोर्टिंग सूत्र / दीपक कुमार
नई दिल्ली :- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी के मौके पर नागपुर में रेशम बाग मैदान में शस्त्र पूजन के बाद स्वयंसेवकों को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने इजराइल और हमास के बीच छिड़े युद्ध की व्यापकता और इसके संभावित प्रभावों पर चिंता जताई। इसके साथ ही उन्होंने भारत की बढ़ती साख और जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनावों का जिक्र किया।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के संदर्भ में भागवत ने कहा कि वहां की अराजकता के कारण हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाएं हो रही हैं। हालांकि, इस बार हिंदुओं ने एकजुट होकर अपनी रक्षा के लिए कदम उठाए हैं। भागवत ने इस बात पर जोर दिया कि कमजोर होना एक अपराध है और हर हिंदू को अपनी रक्षा के लिए सशक्त और एकजुट होना चाहिए।
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मोहन भागवत ने अपने संबोधन में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हाल की अराजकता के चलते हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाएं फिर से हुईं। हालांकि, इस बार हिंदू समुदाय ने एकजुट होकर अपनी रक्षा के लिए सड़कों पर उतरकर विरोध किया। भागवत ने कहा कि जब तक कट्टरपंथियों की यह प्रवृत्ति जारी रहेगी, तब तक न केवल हिंदू, बल्कि सभी अल्पसंख्यक समुदाय खतरे में रहेंगे।उन्होंने भारत सरकार से भी मदद की अपील की।
भागवत ने यह भी कहा कि मानव जीवन भौतिक रूप से पहले से अधिक खुशहाल है, लेकिन इस खुशहाल और विकसित समाज में भी कई संघर्ष जारी हैं। इजराइल और हमास के युद्ध की व्यापकता और इसके प्रभावों को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है।
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इस प्रकार, मोहन भागवत ने अपने भाषण में हिंदुओं की एकता और सशक्तिकरण की आवश्यकता पर जोर दिया और अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।
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