We News 24 » रिपोर्टिंग सूत्र / काजल कुमारी
नई दिल्ली :- दिल्ली में दीवाली के अवसर पर पटाखों के प्रतिबंध के बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई, जिससे राजधानी में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब स्तर पर पहुंच गई। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के मुताबिक शुक्रवार सुबह 6:30 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 359 दर्ज किया गया, जो "बहुत खराब" श्रेणी में आता है। जबकि दिवाली की सुबह ही यह 328 था, जो पहले से ही खराब श्रेणी में था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने बताया कि गुरुवार को आनंद विहार में AQI 419 पर था, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। इसी तरह, जहांगीरपुरी और द्वारका में AQI क्रमशः 395 और 359 रहा।
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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की थी कि दीवाली पर पटाखों का उपयोग न करें, इसे केवल रोशनी के त्योहार के रूप में मनाएं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि प्रदूषण से बचने के लिए हमें पटाखे नहीं फोड़ने चाहिए क्योंकि इसका असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है।
दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कई कदम उठाए हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को एक पत्र लिखकर पटाखों के प्रतिबंध का उल्लंघन रोकने की सख्त कार्रवाई का अनुरोध किया था। राय ने लिखा कि पटाखों के प्रतिबंध के बावजूद विभिन्न बाजारों में खुलेआम पटाखे बेचे जा रहे हैं और ये पटाखे दिल्ली में उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लाए जा रहे हैं।
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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर ने गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न कर दिए हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दीवाली के बाद आया नगर में एक्यूआई 308, जहांगीरपुरी में 395, और द्वारका में 359 पर पहुंच गया, जो सभी "बहुत खराब" श्रेणी में आते हैं। इस खतरनाक स्तर के प्रदूषण से सांस की बीमारियों, फेफड़ों में संक्रमण, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ गया है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए।
प्रदूषण के इस स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को घर के अंदर रहना चाहिए, बाहर निकलने पर मास्क पहनना चाहिए, और शारीरिक गतिविधियों को सीमित करना चाहिए। दिल्ली सरकार ने भी इस गंभीर स्थिति पर ध्यान देते हुए लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियाँ बरतने का आग्रह किया है।
इस बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली के निवासियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है, और सरकार इस पर सख्त कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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