We News 24 » रिपोर्टिंग सूत्र /गौतम कुमार
नई दिल्ली :- मोदी सरकार ने वन नेशन-वन इलेक्शन (एक देश-एक चुनाव) के विचार को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी प्राप्त कर ली है। यह पहल लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ आयोजित करने का प्रस्ताव है, जिससे बार-बार चुनाव कराने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। यह कदम देश के चुनावी ढांचे में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में उठाया गया है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति ने इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसे केंद्रीय कैबिनेट के सामने पेश किया गया और अब इसे संसद के शीतकालीन सत्र में बिल के रूप में पेश किया जाएगा।
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वन नेशन-वन इलेक्शन के प्रमुख बिंदु:
- एक साथ चुनाव: इस योजना के तहत देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे।
- निकाय चुनाव: रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के 100 दिनों के भीतर ही निकाय चुनाव भी कराए जाएं।
- चुनावी खर्च में कमी: सरकार का मानना है कि बार-बार चुनाव कराने से आर्थिक भार और प्रशासनिक जटिलताएं बढ़ती हैं, जिसे कम किया जा सकेगा।
- प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन: पीएम मोदी ने एक देश-एक चुनाव की पुरजोर वकालत करते हुए कहा था कि बार-बार चुनाव होने से देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न होती है।
विपक्ष का विरोध:
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे अव्यवहारिक बताया है। उन्होंने कहा कि यह कदम मौजूदा मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए उठाया जा रहा है। उनके अनुसार, हर राज्य की राजनीतिक स्थिति अलग होती है, और एक साथ चुनाव कराना संभव नहीं होगा।
इस मुद्दे पर देश की राजनीति में बहस छिड़ गई है, जहां एनडीए के घटक दलों ने इसका समर्थन किया है, वहीं विपक्षी दल इसे लेकर असहमत हैं।
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