We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / काजल कुमारी
नई दिल्ली :- सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) के नियमों में सरकार द्वारा किए गए बदलावों का उद्देश्य योजना को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। 1 अक्टूबर 2024 से लागू होने वाले इन नए नियमों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हैं:
KYC अपडेट: अब सभी खाता धारकों को केवाईसी (Know Your Customer) दस्तावेजों को नियमित रूप से अपडेट करना होगा। यदि खाता धारक ऐसा नहीं करता है, तो खाता अस्थायी रूप से बंद किया जा सकता है।
जमा सीमा का संशोधन: नए नियमों के अनुसार, खाता धारकों को न्यूनतम और अधिकतम राशि जमा करने के संबंध में नए दिशानिर्देश दिए जा सकते हैं। यदि कोई खाता धारक नई जमा सीमा का पालन नहीं करता है, तो खाता बंद होने का जोखिम हो सकता है।
ब्याज दर में बदलाव: सरकार ने समय-समय पर ब्याज दरों में बदलाव करने का विकल्प रखा है। यह परिवर्तन खाता धारकों की मौजूदा जमा राशि और योजना की समय सीमा पर प्रभाव डाल सकता है।
अधिसूचना और सत्यापन प्रक्रिया: अब खाता खोलने और बंद करने की प्रक्रिया को डिजिटल और अधिक सत्यापित करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार खाताधारकों को समय पर सूचना देगी ताकि वे सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर सकें।
इन नए बदलावों का उद्देश्य योजना को अधिक सुरक्षित और लाभकारी बनाना है। खाताधारकों को सलाह दी जाती है कि वे इन नियमों का पालन करें ताकि उनके खाते सुरक्षित रहें और उनकी बेटी के भविष्य के लिए बनाई गई योजना में कोई बाधा न आए।
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सुकन्या समृद्धि योजना का उद्देश्य क्या है?
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) देश की बेटियों के भविष्य को सुरक्षित और बेहतर बनाने के उद्देश्य से साल 2015 में शुरू की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों की शिक्षा, उनके विवाह और अन्य महत्वपूर्ण जरूरतों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
खाता खोलने की आयु सीमा: बेटी की उम्र 10 साल से कम होनी चाहिए, तभी उसके नाम पर खाता खोला जा सकता है। इस योजना के तहत माता-पिता या अभिभावक बेटी के नाम पर खाता खोल सकते हैं।
न्यूनतम जमा राशि: खाते में न्यूनतम 250 रुपये जमा कर खाता खोला जा सकता है। इसके बाद खाताधारक अपनी सुविधा के अनुसार हर महीने या सालाना राशि जमा कर सकते हैं। योजना में अधिकतम जमा राशि प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये तक हो सकती है।
जमा करने की अवधि: खाता खोलने के बाद 15 साल तक नियमित रूप से पैसा जमा करना होता है। इसके बाद खाता मैच्योरिटी तक बिना किसी और जमा के चलता रहेगा।
ब्याज दर: सरकार इस योजना पर प्रतिस्पर्धी ब्याज दर प्रदान करती है, जो समय-समय पर बदलती रहती है। यह ब्याज दर खाता धारक के खाते में जमा की गई राशि पर लागू होती है और खाता मैच्योर होने पर ब्याज समेत भुगतान किया जाता है।
खाते की मैच्योरिटी: खाता बेटी की उम्र 21 साल होने पर मैच्योर होता है, और तभी पूरी जमा राशि ब्याज समेत निकाली जा सकती है। यदि बेटी की शादी 18 साल की उम्र के बाद हो जाती है, तो भी खाते से आंशिक या पूरी राशि निकाली जा सकती है।
टैक्स लाभ: सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा की गई राशि, अर्जित ब्याज और निकासी, तीनों पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है। यह योजना इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत टैक्स लाभ प्रदान करती है।
यह योजना बेटियों की शिक्षा और विवाह के लिए बचत करने का एक सुरक्षित और लाभकारी साधन है, जिससे उनके भविष्य की आर्थिक जरूरतों को पूरा किया जा सके।
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सुकन्या समृद्धि में निवेश पर टैक्स से छूट
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) एक बेहतरीन लघु बचत योजना है, जो बेटियों के भविष्य के लिए सुरक्षित और लाभकारी निवेश विकल्प प्रदान करती है। इस योजना के तहत दिए जाने वाले ब्याज की दर काफी आकर्षक होती है। जनवरी-मार्च 2024 की तिमाही के लिए सरकार ने इस योजना पर 8.2% की वार्षिक ब्याज दर तय की है, जो निवेशकों को लंबे समय तक अच्छा रिटर्न प्रदान करती है।
उदाहरण के तौर पर:
यदि आप इस योजना में लगातार 15 साल तक प्रति वर्ष ₹1.5 लाख जमा करते हैं, तो कुल जमा राशि होगी:
- 15 साल × ₹1,50,000 = ₹22,50,000
इस राशि पर 8.2% वार्षिक ब्याज दर लागू होने पर मैच्योरिटी के समय मिलने वाला कुल ब्याज लगभग होगा:
- ₹46,77,578
बेटी की उम्र 21 साल होने पर कुल राशि जो उसे प्राप्त होगी (मूलधन + ब्याज) लगभग होगी:
- ₹69,27,578
योजना के फायदे:
- उच्च ब्याज दर: 8.2% की ब्याज दर अन्य बचत योजनाओं की तुलना में काफी आकर्षक है।
- टैक्स लाभ: इस योजना के तहत निवेश, अर्जित ब्याज और निकासी तीनों पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
- सुरक्षित निवेश: सरकार द्वारा समर्थित होने के कारण यह निवेश पूरी तरह से सुरक्षित और जोखिम-मुक्त है।
यह योजना बेटियों के भविष्य के लिए एक स्थिर और सुरक्षित आर्थिक व्यवस्था बनाने का बेहतरीन तरीका है।
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नए नियम में खाता कानून अभिभावक को ट्रांसफर करना जरूरी
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) के नियमों में हाल ही में किए गए बदलाव का सीधा प्रभाव उन खातों पर पड़ेगा जो राष्ट्रीय लघु बचत योजना के अंतर्गत खोले गए हैं। इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य खातों की वैधता और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
नए नियम के मुख्य बिंदु:
कानूनी अभिभावक द्वारा खाता खोलना: यदि किसी बच्ची का खाता उसके कानूनी अभिभावक (माता-पिता या कानूनी रूप से नियुक्त अभिभावक) ने नहीं खोला है, तो उस खाते को जल्द से जल्द अभिभावक के नाम पर ट्रांसफर करना होगा।
खाता ट्रांसफर की अनिवार्यता: ऐसे खातों के मामले में यदि खाता सही अभिभावक के नाम पर ट्रांसफर नहीं किया जाता, तो वह खाता 1 अक्टूबर 2024 के बाद हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा। यह नियम देशभर में लागू होगा और सभी खाताधारकों को इसका पालन करना अनिवार्य होगा।
खाते की मान्यता: यह कदम खाते की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने और किसी भी प्रकार की गलत जानकारी या धोखाधड़ी से बचने के लिए लिया गया है, ताकि योजना का लाभ सही लाभार्थी तक पहुंच सके।
यह बदलाव खाताधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, और उन्हें समय रहते अपने खातों की वैधता सुनिश्चित करनी होगी, ताकि उनके खाते बंद होने का जोखिम न हो।
सुकन्या समृद्धि से जुड़ी जरूरी बातें
कन्या समृद्धि योजना (SSY) बेटियों के भविष्य की आर्थिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के कुछ प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
न्यूनतम और अधिकतम जमा राशि:
- कम से कम ₹250 से खाता खोला जा सकता है।
- एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम ₹1.5 लाख तक जमा किया जा सकता है।
खाता खोलने की आयु सीमा:
- बेटी की उम्र 10 साल तक होते ही उसके नाम पर खाता डाकघर या किसी बैंक में खोला जा सकता है।
- एक बच्ची के नाम पर केवल एक ही खाता खोला जा सकता है।
खाता खोलने के स्थान:
- यह खाता डाकघर और अधिकृत बैंकों में खोला जा सकता है।
निकासी की शर्तें:
- खाताधारक की उच्च शिक्षा के खर्चों को पूरा करने के लिए आंशिक निकासी की अनुमति दी जाएगी।
- बेटी की उम्र 18 साल होने के बाद, अगर उसकी शादी हो जाती है, तो खाता समय से पहले बंद किया जा सकता है।
खाते का ट्रांसफर:
- यह खाता भारत में किसी भी डाकघर या बैंक से दूसरे डाकघर या बैंक में ट्रांसफर किया जा सकता है।
खाते की परिपक्वता:
- खाता खोलने की तारीख से 21 वर्षों की अवधि पूरी होने पर खाता परिपक्व हो जाएगा और जमा राशि ब्याज सहित खाताधारक को दी जाएगी।
यह योजना माता-पिता को अपनी बेटियों की शिक्षा और विवाह के लिए दीर्घकालिक वित्तीय योजना बनाने में मदद करती है, साथ ही उन्हें एक सुरक्षित बचत विकल्प प्रदान करती है।
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