We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / काजल कुमारी
नई दिल्ली :- कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर आमतौर पर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, लेकिन यह धीरे-धीरे हृदय रोगों और अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है। कुछ संकेत जो लंबे समय तक उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण उत्पन्न हो सकते हैं, वे इस प्रकार हैं:
सीने में दर्द: उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण धमनियों में प्लाक जमा हो जाता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है और सीने में दर्द (एंजाइना) हो सकता है।
हाथ और पैरों में कमजोरी: रक्त प्रवाह बाधित होने से हाथों और पैरों में कमजोरी या झुनझुनी हो सकती है।
सांस की तकलीफ: हृदय में पर्याप्त ऑक्सीजन न पहुंचने से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
हृदय रोग का खतरा: लंबे समय तक उच्च कोलेस्ट्रॉल से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है।
स्ट्रोक का खतरा: यदि मस्तिष्क की धमनियों में प्लाक जमा होता है, तो यह स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
पीली त्वचा या आंखों के आसपास गांठें (ज़ैंथोमास): कुछ मामलों में, त्वचा पर पीले रंग की गांठें या आंखों के आसपास ज़ैंथोमास हो सकते हैं।
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कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इसका मुख्य कारण यह है कि उच्च कोलेस्ट्रॉल से धमनियों में प्लाक (चर्बी) जमने लगता है, जिससे धमनियाँ संकरी हो जाती हैं। जब धमनियाँ संकरी हो जाती हैं, तो हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है। इसे हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) कहा जाता है।
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दोनों समस्याएं, यानी उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप, एक-दूसरे से संबंधित हैं और मिलकर हृदय रोग, स्ट्रोक, और अन्य गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ा सकते हैं। इसलिए, दोनों स्थितियों को नियंत्रित रखना महत्वपूर्ण है।
समस्या का जल्द पता लगाने के लिए नियमित रूप से कोलेस्ट्रॉल की जांच कराना ज़रूरी है, क्योंकि शुरुआती चरण में यह बिना लक्षणों के हो सकता है।
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