मदरसा शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, कामिल और फाजिल जैसी मदरसा डिग्रियां किसी काम की नहीं - We News 24 Digital

Breaking

WE NEWS 24-वी न्यूज 24 , हर खबर की पोल है खोलते

 


Post Top Ad


 

Post Top Ad

Responsive Ads Here

गुरुवार, 12 सितंबर 2024

मदरसा शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, कामिल और फाजिल जैसी मदरसा डिग्रियां किसी काम की नहीं

 

मदरसा शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, कामिल और फाजिल जैसी मदरसा डिग्रियां किसी काम की नहीं





We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / गौतम कुमार 


नई दिल्ली :- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने मदरसों में दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है। आयोग ने कहा है कि मदरसों में शिक्षा का स्तर बेहद निम्न है, जो बच्चों के शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है।



आयोग का आरोप है कि मदरसे बच्चों की शिक्षा और समग्र विकास के लिए उपयुक्त नहीं हैं, क्योंकि यहां न केवल बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, बल्कि आधुनिक विषयों की शिक्षा भी नहीं दी जा रही है। यह धार्मिक शिक्षा तक सीमित है, जिससे बच्चों को गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और भाषाओं जैसे विषयों में समुचित ज्ञान नहीं मिल पा रहा है।



ये भी पढ़े-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिवसीय सेमीकॉन इंडिया-2024 का शुभारंभ किया



उत्तर प्रदेश सरकार ने भी मदरसा शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मदरसा बोर्ड द्वारा दी जाने वाली स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रियां राज्य या केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए मान्य नहीं हैं। इन सिफारिशों से यह स्पष्ट है कि मदरसों में सुधार की तत्काल आवश्यकता है ताकि छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा और रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।


सरकार का यह रुख कि कामिल और फाजिल जैसी मदरसा डिग्रियां राज्य या केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए मान्य नहीं हैं, स्पष्ट रूप से यह इंगित करता है कि इन डिग्रियों को मुख्यधारा की शिक्षा और मान्यता के साथ जोड़ने की आवश्यकता है। मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा के दायरे में लाने से उन्हें न केवल बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि वे प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफल हो सकेंगे, जो कि उनके समग्र विकास और भविष्य की संभावनाओं के लिए महत्वपूर्ण है।


ये भी पढ़े-दो दिन बाद ही मुकर गए भजन गायक कन्हैया लाल मित्तल कहा मेरी सोच गलत थी।


आयोग और सरकार दोनों ने इस बात पर जोर दिया है कि मदरसा शिक्षा प्रणाली में सुधार अत्यंत आवश्यक है। सुधार के बाद, छात्रों को आधुनिक विषयों में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे समाज के अन्य वर्गों के साथ समग्र रूप से प्रगति कर सकेंगे और देश की प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे सकेंगे।


वी न्यूज 24 फॉलो करें और रहे हर खबर से अपडेट



WhatsApp पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 9599389900 को अपने मोबाईल में सेव  करके इस नंबर पर मिस्ड कॉल करें। फेसबुक-टिवटर पर हमसे जुड़ने के लिए https://www.facebook.com/wenews24hindi और https://twitter.com/Waors2 पर  क्लिक करें और पेज को लाइक करें .


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Top Ad

Responsive Ads Here