We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र /सुजीत कुमार विस्वास
कोलकाता :- के सरकारी आरजी अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के मद्देनजर बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को दुष्कर्म के मामलों में दोषियों को त्वरित और सख्त सजा देने से संबंधित संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इस विधेयक में दुष्कर्म और हत्या के दोषियों को 10 दिनों के भीतर मौत की सजा (फांसी) सुनिश्चित करने का प्रावधान है।
यह भी पढ़ें:-छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़
21 दिनों में पूरी होगी जांच
इस दुष्कर्म विरोधी विधेयक का नाम है- अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024। इस विधेयक के तहत दुष्कर्म के मामलों की जांच 21 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी, जो पहले की दो महीने की समय सीमा से कम है। राज्य में मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने भी इस विधेयक का पूरा समर्थन किया।
ये भी पढ़े-गृह अतिचार करने वाले पांच आरोपियों को 6 महा का कारावास अमरवाड़ा न्यायलय ने सुनाया फेसला
अपराजिता विधेयक में क्या हैं प्रावधान?
इस विधेयक में दुष्कर्म और हत्या के मामलों में दोषियों को 10 दिनों के भीतर मौत की सजा देने का प्रावधान है। इसके साथ ही अपराधी के परिवार पर आर्थिक दंड का भी प्रावधान है। इसके अलावा दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दोषियों को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी। दुष्कर्मियों को शरण देने या मदद करने वालों को भी तीन से पांच साल के कठोर कारावास का प्रावधान है।
ये भी पढ़े-यदि आप 30 दिनों तक शराब नहीं पियेंगे तो क्या होगा?
राज्यपाल के पास भेजा जाएगा विधेयक
राज्य के कानून मंत्री मलय घटक ने इस विधेयक को पेश किया। दो घंटे की चर्चा के बाद विधेयक पारित हो गया। इस विधेयक को आज ही हस्ताक्षर के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। इस विधेयक को पारित करने के लिए विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था, जिसका आज अंतिम दिन था।
भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं में संशोधन
यह विधेयक देश में हाल ही में लागू भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता अधिनियम 2023 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 में संशोधन करता है। बीएनएस की विभिन्न धाराओं 64, 66, 70 (1), 71, 72 (1), 73, 124 (1) और 124 (2) में संशोधन किया गया है। ये धाराएं बलात्कार, बलात्कार और हत्या, सामूहिक बलात्कार, पीड़िता की पहचान उजागर करने और तेजाब का इस्तेमाल कर चोट पहुंचाने जैसे अपराधों के लिए सजा से संबंधित हैं।
ये भी पढ़े-भारत में लोग अधूरे टेस्ट करवाकर डायबिटीज की दवाइयां और इंसुलिन ले रहे हैं ,डॉ. एस कुमार
भाजपा ने ममता के इस्तीफे की मांग की
भाजपा विधायकों ने विधेयक का समर्थन किया, लेकिन आरजी कर की जघन्य घटना पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए सदन में भारी विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने भी इस विधेयक में कुछ संशोधनों का प्रस्ताव रखा। जिस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आश्वासन दिया कि अध्ययन के बाद इस पर विचार किया जाएगा।
अपराजिता टास्क फोर्स के गठन का प्रस्ताव
इस विधेयक में यौन अपराधों की जांच और अभियोजन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव करने की बात कही गई है। प्रारंभिक रिपोर्ट के 21 दिनों के भीतर जांच पूरी करनी होगी। जांच में तेजी लाने और पीड़िता को त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तर पर अपराजिता टास्क फोर्स नामक एक विशेष टास्क फोर्स के गठन का भी सुझाव दिया गया है। इसका नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक करेंगे। यह टास्क फोर्स अपराधों की जांच के लिए जिम्मेदार होगी।
वी न्यूज 24 फॉलो करें और रहे हर खबर से अपडेट
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें