We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / अंजली कुमारी
नई दिल्ली :- कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, और भारत इसे अपनी संप्रभुता का हिस्सा मानता है। पाकिस्तान ने समय-समय पर कश्मीर पर दावा किया है, लेकिन यह दावा अस्वीकार्य है क्योंकि कश्मीर भारत का संवैधानिक रूप से अधिनीय क्षेत्र है।
हाल ही में पाकिस्तान ने गुजरात के किसी शहर को अपना बताकर एक और बेबुनियादी दावा किया है, जिससे यह साफ हो जाता है कि वह केवल राजनीतिक बयानबाजी कर रहा है। पाकिस्तान के इन दावों का कोई कानूनी या ऐतिहासिक आधार नहीं है, और यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सच्चाई से भिन्न है।
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पाकिस्तान का जूनागढ़ पर दावा एक पुराना और विवादास्पद मुद्दा है, जिसे वह समय-समय पर उठाता रहता है। हाल ही में पाकिस्तान की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने फिर से यह दावा किया कि गुजरात का जूनागढ़ पाकिस्तान का हिस्सा है और भारत ने उस पर "अवैध कब्जा" किया है।
1947 के विभाजन के समय जूनागढ़ की स्थिति काफी जटिल थी। उस समय के नवाब ने पाकिस्तान में शामिल होने का फैसला किया था, लेकिन जूनागढ़ की जनता ने भारत के साथ रहने की इच्छा जताई। इसके परिणामस्वरूप जूनागढ़ का भारत में विलय हुआ। पाकिस्तान का इस पर दावा भारत द्वारा खारिज किया जाता रहा है।
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साल 2020 में पाकिस्तान ने जूनागढ़ को अपने हिस्से में दिखाते हुए एक नक्शा जारी किया था, जिस पर भारत ने कड़ा विरोध जताया था। भारत ने इसे बेबुनियाद और असंवैधानिक बताया था। यह मामला भी कश्मीर के मुद्दे की तरह पाकिस्तान की ओर से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया जाता है, लेकिन भारत इसे पूरी तरह से अपना आंतरिक मामला मानता है।
इस तरह के दावे पाकिस्तान की अस्थिर कूटनीति और आंतरिक मुद्दों से ध्यान हटाने का एक प्रयास माने जाते हैं, क्योंकि भारत की संप्रभुता पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता।
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