We News 24 » रिपोर्टिंग सूत्र / गौतम कुमार
नई दिल्ली :- ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2024, जो रूस के कज़ान में हो रहा है, वैश्विक राजनीति के लिए महत्वपूर्ण मंच बना हुआ है। 23 अक्टूबर को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक पर सारी दुनिया की निगाहें टिकी हैं। यह बैठक खास इसलिए भी है क्योंकि लगभग 5 वर्षों के बाद दोनों नेताओं के बीच सीधा संवाद हो रहा है, आखिरी बार 2019 में ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान उनकी मुलाकात हुई थी।
इस बार की बैठक वैश्विक घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में हो रही है, जहां रूस और यूक्रेन संघर्ष सहित कई अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे छाए हुए हैं। इसके साथ ही, भारत और चीन ने हाल ही में सीमा विवाद को लेकर सकारात्मक कदम उठाए हैं, जिससे इन दोनों एशियाई महाशक्तियों के बीच तनाव कम हुआ है। इस द्विपक्षीय बैठक से दोनों देशों के संबंधों में नए सिरे से सुधार की उम्मीदें जताई जा रही हैं।
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कनाडा के मुद्दे पर भी चर्चा की संभावना है, क्योंकि हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत और चीन पर विभिन्न आरोप लगाए हैं। भारत पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप और चीन पर कनाडा के चुनावों में हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए ट्रूडो ने दोनों देशों के साथ तनावपूर्ण संबंध बनाए हैं। इन हालातों में भारत और चीन दोनों कनाडा के खिलाफ एक साझा रुख अपनाने पर विचार कर सकते हैं।
इस बैठक के नतीजे न केवल एशिया बल्कि वैश्विक राजनीतिक संतुलन पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।
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