We News 24 » रिपोर्टिंग सूत्र / दीपक कुमार
रांची:- झारखंड विधानसभा चुनाव में नवरात्र की शक्ति आराधना की तरह ही नारी शक्ति की अहम भूमिका रहेगी। इस बार चुनाव में 29 सीटों पर हार-जीत की कमान महिलाओं के हाथ में होगी, क्योंकि इन सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। खासकर 27 सीटें आदिवासी समुदाय के लिए रिजर्व हैं, जहाँ महिलाओं की सामाजिक और सांस्कृतिक भागीदारी भी महत्वपूर्ण है।
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राजनीतिक दलों को इन महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। अधिक महिला वोट पाने के लिए महिलाओं को उम्मीदवार के रूप में उतारना, महिला राजनीतिक कार्यकर्ताओं की भूमिका बढ़ाना, और महिलाओं के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी होगा। साक्षरता बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं में राजनीतिक जागरूकता भी बढ़ी है, जिससे वे अपने विवेक से वोट करने में सक्षम हैं।
राजनीतिक पंडितों को नारी शक्ति को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनानी होगी, क्योंकि महिला मतदाता लोकतंत्र की प्रहरी बनने के लिए तैयार हैं और उनका समर्थन जीतने वाले उम्मीदवार की किस्मत बना सकता है।
झारखंड में पुरुषों से अधिक महिला मतदाताओं वाली 29 विधानसभा सीटें चुनावी परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इन सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या, पुरुषों की तुलना में अधिक होने के कारण, राजनीतिक दलों को विशेष रणनीतियाँ अपनाने की आवश्यकता है।
इन 29 सीटों में से 27 सीटें आदिवासी समुदाय के लिए रिजर्व हैं, जहाँ महिलाओं की सामाजिक और सांस्कृतिक भागीदारी भी महत्वपूर्ण है। इस स्थिति के चलते, राजनीतिक दलों को महिलाओं को उम्मीदवार के रूप में उतारने, उनकी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने और महिला राजनीतिक कार्यकर्ताओं की भूमिका को बढ़ाने पर जोर देना होगा।
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महिलाओं की बढ़ती साक्षरता और राजनीतिक जागरूकता ने उन्हें अपने मताधिकार का सही उपयोग करने के लिए सक्षम बना दिया है। इसलिए, इन विधानसभा क्षेत्रों में जीत की रणनीति में नारी शक्ति को ध्यान में रखना अनिवार्य होगा। यदि राजनीतिक दल इस महिला मतदाता वर्ग की आकांक्षाओं और जरूरतों को समझने में असफल रहते हैं, तो यह उनकी हार का कारण बन सकता है।
इस प्रकार, झारखंड की राजनीति में नारी शक्ति की भूमिका को समझना और उसे सही तरीके से लागू करना, आगामी चुनावों में निर्णायक साबित हो सकता है।
झारखंड के इन विधान सभा में पुरुष के मुकाबले अधिक है महिला वोटर
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