We News 24 » रिपोर्टिंग सूत्र / विवेक श्रीवास्तव
नई दिल्ली :- भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध को कम करने के लिए दोनों देशों की सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के कुछ हिस्सों से सैनिकों को पीछे हटाने के महत्वपूर्ण कदम पर काम कर रही हैं। यह प्रक्रिया 29 अक्टूबर तक पूरी हो सकती है, जिसमें दोनों देशों के सैनिक पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में अप्रैल 2020 की स्थिति में लौट आएंगे। इसका उद्देश्य उन टकराव बिंदुओं से तनाव को कम करना है जहाँ से गश्त और सैन्य गतिरोध की स्थिति बनी हुई थी।
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भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार, यह समझौता केवल डेमचोक और देपसांग के लिए मान्य है, और एलएसी के अन्य विवादित क्षेत्रों पर इसे लागू नहीं किया गया है। इस कदम के तहत, दोनों देशों के सैनिक उन स्थानों पर गश्त फिर से शुरू करेंगे जहाँ 2020 से पहले नियमित गश्त की जाती थी।
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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसे भारत-चीन संबंधों में महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम बताया। उनका कहना है कि पहले चरण में सैनिकों का पीछे हटना महत्वपूर्ण है, और इसके बाद तनाव को कम करने के लिए आगे की योजना पर काम किया जाएगा। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि आगे का कदम तभी उठाया जाएगा जब भारत को यकीन हो जाएगा कि चीन भी इसी दिशा में ठोस कदम उठा रहा है।६४१४४४४
यह समझौता दोनों देशों के बीच चार साल से चल रहे गतिरोध को हल करने में एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है। इसके तहत अब दोनों सेनाएं अपने मूल ठिकानों पर लौटेंगी, जिससे 2020 की पूर्व की स्थिति बहाल होने की संभावना बढ़ी है।
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