We News 24 » रिपोर्टिंग सूत्र / अंजली कुमारी
नई दिल्ली :- पंजाब में ड्रोन के जरिए ड्रग्स और हथियारों की तस्करी हाल के वर्षों में एक गंभीर समस्या बन गई है। कोरोना महामारी के बाद, यह प्रवृत्ति तेज हो गई है, जहां सीमा पार से ड्रोन के माध्यम से ड्रग्स और हथियार भेजे जा रहे हैं। इस नेटवर्क को चलाने के लिए कनाडा में बसे मास्टरमाइंड्स का सहारा लिया जा रहा है। इन ड्रोन को चीन के फ़ूजियन प्रांत से लाया जाता है, जो कि एक संवेदनशील मुद्दा है क्योंकि फ़ूजियन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का जन्मस्थान है।
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ड्रग्स की खेपें अफगानिस्तान से पाकिस्तान के माध्यम से भारत तक पहुंचाई जाती हैं, जहाँ से फिर ड्रोन के जरिए ये पंजाब में भेजी जाती हैं। बीते कुछ सालों में ड्रोन के जरिए भेजी जाने वाली ड्रग्स की मात्रा भी बढ़ी है, और ड्रोन में लोड कैपेसिटी भी अधिक हो गई है। 2022 में बीएसएफ ने पंजाब में 22 ड्रोन पकड़े, जबकि 2023 में इनकी संख्या बढ़कर 107 हो गई, और अक्टूबर 2024 तक 206 ड्रोन पकड़ में आ चुके हैं।
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इन खतरों से निपटने के लिए बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) ने कई सुरक्षा इंतजाम किए हैं। ड्रोन को गिराने के लिए लाइट मशीन गन का इस्तेमाल किया जा रहा है (हार्ड किल टेक्नीक), और साथ ही सिग्नल जैमिंग तकनीक (सॉफ्ट किल टेक्नीक) का भी सहारा लिया जा रहा है। पंजाब पुलिस और बीएसएफ ने अमृतसर और तरणतारण जिलों में संयुक्त अभियान भी शुरू किए हैं ताकि ड्रोन को सीमा पार करते समय ही पकड़ा जा सके।
इन सख्त कदमों के बावजूद, सीमा पार से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिसके लिए और अधिक उन्नत तकनीकों और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।
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