We News 24 » रिपोर्टिंग सूत्र / अनिल पाटिल
मुंबई :- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार के आखिरी चरण में महायुति (भाजपा और शिवसेना गुट) और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच राजनीतिक टकराव और आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। यह तनाव सोमवार रात को चांदिवली विधानसभा क्षेत्र में साफ तौर पर देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का काफिला इलाके से गुजर रहा था। एमवीए कांग्रेस नेता नसीम खान चांदिवली से चुनाव लड़ रहे हैं और इस दौरान उनके कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया।
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गद्दार के नारे, शिंदे का गुस्सा
जैसे ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का काफिला नसीम खान के कार्यालय के पास से गुजरा, कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ 'गद्दार...गद्दार' के नारे लगाने शुरू कर दिए। इसी दौरान संतोष कटके नामक युवक ने मुख्यमंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। इससे शिंदे भड़क गए और अपनी कार से उतर आए। उन्होंने मौके पर मौजूद कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी नेताओं से सवाल किया, "क्या आप अपने कार्यकर्ताओं को यही सिखाते हैं?"
मुख्यमंत्री की कड़ी प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद उनके सुरक्षाकर्मियों ने संतोष कटके और कुछ अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया, हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। संतोष कटके के पिता साधु कटके रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले गुट) के जिला अध्यक्ष हैं। इस मामले में संतोष ने कहा, "मुख्यमंत्री हमारे कार्यालय में आए और मेरे पिता से पूछा कि क्या हमारे कार्यकर्ताओं में कोई अनुशासन है? उन्होंने हमें धमकाया।"
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नसीम खान और शिंदे के बयान
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए चांदिवली से कांग्रेस उम्मीदवार नसीम खान ने कहा, "यह गलत है कि मुख्यमंत्री हमारे कार्यालय में आए और हमें धमकाया। हम इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहते, लेकिन लोकतंत्र में आलोचना करने का अधिकार होना चाहिए। इस तरह का व्यवहार आचार संहिता का उल्लंघन करता है।"
शिवसेना यूबीटी में कटके का प्रवेश
घटनाओं का एक और दिलचस्प मोड़ तब आया जब संतोष कटके मंगलवार को मातोश्री पहुंचे और उद्धव ठाकरे से मिले। इस दौरान उन्हें आधिकारिक तौर पर शिवसेना यूबीटी में शामिल किया गया, जो इस राजनीतिक घटनाक्रम में एक नया मोड़ था। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और घटना राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो गई।
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परिणाम: बढ़ता राजनीतिक तनाव
यह घटना न केवल चांदिवली बल्कि पूरे महाराष्ट्र में राजनीतिक माहौल में ताज़गी लाती है। दोनों प्रमुख दलों के बीच तीखी बयानबाज़ी और विरोध अब हर क्षेत्र में बढ़ रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह के घटनाक्रम का असर दोनों गुटों के बीच राजनीतिक लड़ाई को और भी तेज़ कर सकता है।
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