We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / अंजली कुमारी
नई दिल्ली :- दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने 4 सितंबर को होने वाले एमसीडी वार्ड कमेटी के चुनाव स्थगित कर दिए थे, जिसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना को हस्तक्षेप करना पड़ा था। एमसीडी कमिश्नर की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि उपराज्यपाल के आदेशानुसार चेयरमैन, वाइस चेयरमैन और स्थायी समिति के सदस्यों के पद के लिए चुनाव समय पर ही होंगे।
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दरअसल, एमसीडी कमिश्नर ने 30 अगस्त को नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने के लिए फाइल मेयर के पास भेजी थी, लेकिन मेयर शैली ओबेरॉय ने 'अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया' में भाग लेने से इनकार करते हुए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार कर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि उन्हें कई पार्षदों से ज्ञापन मिले हैं, जो नामांकन के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं।
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एमसीडी कमिश्नर ने इस घटनाक्रम की जानकारी उपराज्यपाल वीके सक्सेना को दी, जिन्होंने इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय के संज्ञान में लाया। इसके बाद गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर उपराज्यपाल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार दे दिया। उपराज्यपाल के आदेश पर एमसीडी कमिश्नर ने सभी जोन के डिप्टी कमिश्नरों को 4 सितंबर को वार्ड कमेटियों के चुनाव कराने के निर्देश जारी किए हैं।
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अब उपराज्यपाल के आदेश के अनुसार प्रत्येक जोन के डिप्टी कमिश्नर पीठासीन अधिकारी की भूमिका निभाएंगे, ताकि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो सकें। सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में दिए आदेश में कहा था कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार से सलाह किए बिना एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति कर सकते हैं, जिससे एमसीडी में 12 वार्ड कमेटियों के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। इन चुनावों में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के 60 पार्षद शामिल होंगे।
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हालांकि मेयर द्वारा चुनाव टालने का फैसला ऐसे समय में आया है, जब उन्हें डर था कि कुछ वार्ड कमेटियों में एल्डरमैन की नियुक्ति के कारण भाजपा संख्याबल में बढ़त ले सकती है, जिससे उनके पार्षदों को अपने पक्ष में किया जा सकता है। इससे भाजपा के 12 वार्ड कमेटियों में से 7 या 8 पर कब्जा करने की संभावना है। उपराज्यपाल ने संसद में कानून में किए गए परिवर्तनों का उपयोग करते हुए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की, जिससे 12 वार्ड समितियों के चुनाव का रास्ता साफ हो गया, जो अब एमसीडी की स्थायी समिति की प्रभावशीलता का निर्धारण करेंगे।
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