We News 24 » रिपोर्टिंग सूत्र / दिनेश जायसवाल
लखनऊ :- उत्तर प्रदेश सरकार ने नौ आईएएस अधिकारियों के तबादले करते हुए उनके कार्यभार में बदलाव किए हैं। इसमें डॉ. राज शेखर की जिम्मेदारियां कम की गई हैं। उनसे प्रबंध निदेशक, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, राज्य नोडल अधिकारी, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, और प्रबंध निदेशक, भूमि सुधार निगम का कार्यभार हटा दिया गया है, हालांकि प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) का कार्यभार उनके पास रहेगा।
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अनिल गर्ग को सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव के साथ-साथ राज्य नोडल अधिकारी, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और प्रबंध निदेशक, भूमि सुधार निगम का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। वहीं, अपर मुख्य सचिव (एसीएस) वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, मनोज सिंह को प्रतीक्षारत किया गया है। मनोज सिंह के खिलाफ यह कदम नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की गंगा में गंदगी को लेकर तल्ख टिप्पणी के बाद उठाया गया है, जिसमें एनजीटी ने गंगा की सफाई के प्रति राज्य सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाए थे।
अनिल कुमार-तृतीय को प्रमुख सचिव श्रम के साथ प्रमुख सचिव, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। प्रतीक्षारत अधिकारी सान्या छाबड़ा को प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम के पद पर नियुक्त किया गया है, जबकि इस पद पर तैनात रवि रंजन अब प्रबंध निदेशक, यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
अन्य बदलावों में प्रणता एश्वर्या को यूपी एग्रो का प्रबंध निदेशक बनाया गया है। प्रभाष कुमार, जो विशेष सचिव खाद्य एवं रसद और नियंत्रक विधिक बाट-माप विज्ञान का कार्यभार देख रहे थे, उन्हें विशेष सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति का अतिरिक्त कार्य सौंपा गया है।
उदय भानु त्रिपाठी को नगर विकास विभाग का विशेष सचिव नियुक्त किया गया है, जबकि डा. कंचन सरन को महिला आयोग का सचिव बनाया गया है।
एसीएस मनोज सिंह के स्थान पर अनिल कुमार-तृतीय को वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का अतिरिक्त दायित्व दिया गया है। मनोज सिंह के खिलाफ प्रतीक्षारत किए जाने का कारण उन्नाव और गाजियाबाद में स्लाटर हाउस के लिए गलत तरीके से एनओसी जारी करने का मामला भी बताया जा रहा है, जब वे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष थे।
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