We News 24 Digital / रिपोर्टिंग सूत्र / दीपक कुमार
नई दिल्ली:- क्या देश में मधुमेह (Diabetes) के नाम पर लोगों को डराया जा रहा है? क्या मधुमेह (Diabetes) नाम की कोई बीमारी नहीं है? क्या लोगों के मन से मधुमेह का डर दूर किया जा सकता है? यह दावा है देश और दुनिया के जाने-माने मधुमेह (Diabetes) वैज्ञानिक और विशेषज्ञ डॉ. एस. कुमार का, जो आहार चिकित्सा पद्दति से मधुमेह का इलाज करते हैं। उनका दावा है कि भारत में 90 प्रतिशत लोगों को मधुमेह नहीं है। लोग बढ़े हुए शुगर लेवल को ही मधुमेह (Diabetes) मान लेते हैं।
नियमित दिनचर्या, उचित खान-पान और जीवनशैली को सही करके शुगर लेवल को ठीक किया जा सकता है। वे मधुमेह के लिए एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल को घातक और हानिकारक बताते हैं। उन्होंने इन दवाओं के कारण रोगी के अंगों को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई है। उन्होंने दावा किया है कि वे देश में 50 ज्यादा डाइट थेरेपी सेंटर चला रहे हैं, लेकिन आज तक उन्हें एक भी मधुमेह के रोगी नहीं मिला। व्यक्ति का शुगर लेवल घटता-बढ़ता रहता है। उनका दावा है कि वे भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से मधुमेह के डर को खत्म करना चाहते हैं।
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डॉ. एस. कुमार वैज्ञानिक, शोधकर्ता और एप्रोप्रिएट डाइट थेरेपी नागपुर के संस्थापक निर्देशक हैं। उन्हें भारत में मधुमेह को खत्म करने के लिए लिए फ्रांस से भारत गौरव पुरस्कार मिल हुआ है। डॉ. एस. कुमार ये दावा करते है कि भारत में 90 फीसदी लोगों को मधुमेह नहीं है। मधुमेह पर गहन अध्ययन करने वाले डॉ. एस. कुमार ने कहा है कि देश में मधुमेह का डर एलोपैथिक है। शुगर अनियमित और गलत खान-पान की वजह से होने वाली बीमारी है, जिसके लिए इंजेक्शन के रूप में इंसुलिन लेना गलत है। उनका दावा है कि डाइट थेरेपी के जरिए मधुमेह का इलाज रामबाण साबित हो रहा है। मधुमेह के लिए तीन टेस्ट होते हैं और इस बीमारी के निदान के लिए टेस्ट काफी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब देश से टीबी, पोलियो, टाइफाइड और मलेरिया तक़रीबन खत्म हो गया तो मधुमेह भी खत्म हो जाएगा। डॉ. कुमार भारत से मधुमेह नाम का डर खत्म करना चाहते है । दरअसल, मधुमेह बीमारी के नाम पर देश में एक बड़ा डर पैदा किया जा रहा है कि भारत दुनिया की मधुमेह का राजधानी बनता जा रहा है। डॉ. कुमार कहते हैं कि आधुनिक तकनीक बढ़ने के साथ ही डॉक्टरों और अस्पतालों की संख्या भी बढ़ी है।
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फिर भी मधुमेह पर क्यों काबू नहीं हो रहा है? उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे टोल टैक्स देते समय ट्रैफिक जाम होता है और टोल देते ही यह जाम खत्म हो जाता है। इसी तरह हमारी कोशिकाओं के बाहर शुगर ट्रैफिक बनता है और डाइट थेरेपी से यह ट्रैफिक हटता है शुगर सामान्य हो जाती है और व्यक्ति ठीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि मधुमेह के मरीज को जो तीन टेस्ट करवाने के लिए कहा जाता है, उसके लिए प्रयोगशालाएं बहुत कम हैं। डॉ. कुमार का दावा है कि मधुमेह कितने भी सालों से हो, डाइट थेरेपी से एक से डेढ़ साल में पूरी तरह खत्म हो जाता है। मधुमेह मरीज को अलविदा कह देता है। उन्होंने कहा है कि वह प्रामाणिकता के साथ दावा करते हैं कि भारत में मधुमेह नहीं है। आगे वीडियो में देखे डॉ. कुमार क्या बता रहे है .
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