We News 24 » रिपोर्टिंग सूत्र / विवेक श्रीवास्तव
नई दिल्ली :- भारत जल्द ही अमेरिका से 'सुपर किलर' ड्रोन हासिल करने वाला है, जो बेहद खतरनाक माने जाते हैं। ये वही ड्रोन हैं जिनसे अमेरिका ने अलकायदा के सरगना अल जवाहिरी को मारा था। अभी तक भारतीय सेना ने इन्हें लीज पर लेकर इस्तेमाल किया है, खासकर हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से द्विपक्षीय बैठक के दौरान 31 MQ-9B ड्रोन (16 स्काई गार्जियन और 15 सी गार्जियन) की सप्लाई के बारे में चर्चा की थी। इस बैठक में यूएस-इंडिया डिफेंस इंडस्ट्रीयल कॉर्पोरेशन रोडमैप पर भी चर्चा हुई, जिससे इन ड्रोन की सप्लाई का रास्ता साफ हो गया है।
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ड्रैगन की गर्दन दबोचने की तैयारी कैसे?
पीएम मोदी ने क्वाड शिखर सम्मेलन (Quad Summit 2024) में भी हिस्सा लिया, जिसमें इंडो पैसिफिक क्षेत्र पर विशेष जोर दिया गया। इस क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर भी शामिल है, जहां चीन की गतिविधियाँ लगातार बढ़ रही हैं। MQ-9B ड्रोन के मिलने से भारतीय सेना को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने में बड़ी मदद मिलेगी।
ड्रोन की खासियत
MQ-9B सी-गार्डियन ड्रोन एक मानवरहित हवाई वाहन है, जिसे रिमोटली ऑपरेट किया जा सकता है। इसमें हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (HALE) की विशेषता होती है, जिससे यह 40 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भर सकता है। यह ड्रोन 170 हेलफायर मिसाइल, 310 GBU-39B सटीक-निर्देशित ग्लाइड बम, नेविगेशन सिस्टम, सेंसर सूट और मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम से लैस है।
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गलवान संघर्ष के बाद लीज पर लिए थे ड्रोन
भारतीय नौसेना ने 2020 में गलवान संघर्ष के ठीक बाद अमेरिकी फर्म से लीज पर एमक्यू-9बी सी गार्डियन ड्रोन लिए थे। इन ड्रोन का इस्तेमाल हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी सेना और खुफिया जानकारी जुटाने वाले जहाजों पर नजर रखने के लिए किया गया। अब जब भारत को अमेरिका से ऐसे 31 ड्रोन और मिलेंगे, तो हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की हरकतों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
इन ड्रोन की सप्लाई से भारत की सैन्य ताकत में बढ़ोतरी होगी और क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
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