We News 24 » रिपोर्टिंग सूत्र / दीपक कुमार
नई दिल्ली :- दिल्ली के छतरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक करतार सिंह तंवर की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है। करतार सिंह तंवर आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक थे, लेकिन उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने का निर्णय लिया। इसके परिणामस्वरूप, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर उनकी सदस्यता 10 जुलाई से समाप्त कर दी गई।
नियम के अनुसार, यदि किसी विधायक की सदस्यता समाप्त होती है तो उनकी विधानसभा सीट खाली हो जाती है और उस खाली सीट पर छह महीने के भीतर चुनाव कराना आवश्यक होता है। हालांकि, चूंकि अगले छह महीने के भीतर ही दिल्ली विधानसभा के आम चुनाव होने वाले हैं, इसलिए छतरपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं होगा। यह सीट अब आम चुनाव के समय ही भरी जाएगी।
इस प्रकार, करतार सिंह तंवर की विधायकी समाप्त होने के बाद छतरपुर विधानसभा क्षेत्र की सीट खाली हो गई है, लेकिन उपचुनाव की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि जल्द ही पूरे दिल्ली विधानसभा के लिए चुनाव होंगे।
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बीजेपी में शामिल होना
करतार सिंह तंवर 10 जुलाई को दिल्ली के पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे। राजकुमार आनंद को पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया गया था। जब तंवर बीजेपी में शामिल हुए थे, उस समय दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में बंद थे।
विधायकी समाप्ति और चुनाव
नियमों के मुताबिक, विधायकी समाप्त होने के बाद छतरपुर विधानसभा सीट खाली हो गई है। छह महीने के भीतर किसी भी खाली सीट पर चुनाव कराना जरूरी होता है। हालांकि, अगले छह महीनों के भीतर ही दिल्ली विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए इस सीट पर उपचुनाव नहीं होगा।
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आयकर विभाग का छापा
करतार सिंह तंवर तब सुर्खियों में आए जब जुलाई 2016 में आयकर विभाग ने उनके फार्म हाउस और ऑफिस पर छापेमारी की थी। 27 जुलाई 2016 को इनकम टैक्स की टीम ने यह कार्रवाई की थी।
राजनीतिक सफर
2014 में करतार सिंह तंवर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। उन्होंने 2015 के विधानसभा चुनाव में छतरपुर सीट से जीत हासिल की थी। आप में शामिल होने से पहले, वह बीजेपी में थे और तंवर की राजनीति में एंट्री 2007 में हुई थी, जब वे भाटी से वार्ड पार्षद चुने गए थे.। सियासी सफर शुरू करने से पहले तंवर दिल्ली जल बोर्ड में जूनियर इंजीनियर थे।
आरोप और विवाद
AAP से इस्तीफा देने के बाद, तंवर ने पार्टी पर तानाशाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि दिल्ली की हालत देखकर उन्हें दुख हो रहा है।
इस घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति में नई हलचल मचा दी है और इसका प्रभाव आने वाले चुनावों पर भी पड़ सकता
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