We News 24 Digital / रिपोर्टिंग सूत्र / पीटीआई
न्युयोर्क :- हमास और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध के बीच ईरान ने मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा दिया है। ईरान की ओर से बड़े हमले की आशंका के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार (14 अगस्त) को इजरायल को 20 अरब डॉलर से अधिक के बड़े हथियारों की बिक्री को मंजूरी दे दी। इसमें नए एफ-15 लड़ाकू विमान और हजारों टैंक और मोर्टार शेल शामिल हैं। यह सौदा ऐसे समय हुआ है जब बाइडेन ने 10 महीने के युद्ध के बाद इजरायल और हमास पर युद्ध विराम का दबाव बनाया। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, हथियारों को इजरायल पहुंचने में कई साल लगेंगे। जिसके तहत बड़ी संख्या में लड़ाकू विमान, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, टैंक गोला-बारूद और अन्य युद्धक हथियार इजरायल भेजे जाएंगे, क्योंकि मध्य पूर्व में संघर्ष की संभावना बढ़ रही है।
इजरायल के साथ खड़ा है अमेरिका अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि इजरायल की सुरक्षा के लिए अमेरिका उसके साथ खड़ा है। ऐसे में इजरायल को मजबूत और तैयार आत्मरक्षा क्षमता विकसित करने और उसे बनाए रखने में मदद करना अमेरिकी हितों के लिए महत्वपूर्ण है। माना जा रहा है कि अमेरिका की यह घोषणा बेहद खास है, क्योंकि उसने क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच इजरायल का साथ दिया है। इजराइल को ये हथियार मिलने में कई साल लगेंगे
ये खबर भी पढ़े-हमारे लिए कितनी कीमती है आज़ादी? चीफ जस्टिस ने कहा आज़ादी को हल्के में न लें
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि दुर्भाग्य से इजराइल को ये हथियार जल्दी नहीं मिलेंगे, क्योंकि इस सौदे को पूरा होने में कई साल लगेंगे। ऐसे में देश को सबसे पहले 2026 तक नए हथियार सिस्टम मिलने की उम्मीद है। जिसका उद्देश्य इजराइल को खुद को सुरक्षित रखने और भविष्य में अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार करने में मदद करना है। इजराइली अधिकारियों ने कहा है कि यह घोषणा ईरान और हिजबुल्लाह के लिए एक बड़ा संदेश है, क्योंकि वे इजराइल पर हमला करने की धमकी देते रहते हैं।
ये खबर भी पढ़े-काली घाटी में बस अनियंत्रित होकर खाई में गिरी एक की मौत छह यात्री घायल
जानिए अमेरिका कौन से हथियार देगा?
इजराइल को भेजे जाने वाले हथियारों में 19 बिलियन डॉलर के 50 घातक F-15 फाइटर जेट और संबंधित उपकरण शामिल हैं। लेकिन, F-15 को बनाने में कई साल लगेंगे और इनके 2029 से पहले मध्य पूर्व तक पहुंचने की उम्मीद नहीं है। 102 मिलियन डॉलर में 30 एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइलें शामिल हैं जिन्हें फाइटर जेट के लिए "AMRAAM" के रूप में जाना जाता है, जबकि टैंक कारतूस की कीमत लगभग 775 मिलियन डॉलर और वाहनों की कीमत लगभग 583 मिलियन डॉलर है।
ये खबर भी पढ़े-दिल्ली के लाल किले से अपने भाषण में पीएम मोदी ने नागरिक संहिता, परिवारवाद, एक राष्ट्र, एक चुनाव का जिक्र किया
बाइडेन प्रशासन ने यह फैसला क्यों लिया?
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बिडेन-हैरिस प्रशासन ने आशंकाओं के चलते इजरायल को हथियारों की कम से कम एक खेप रोक दी थी। बिडेन प्रशासन को गाजा में मृत नागरिकों की बढ़ती संख्या पर सार्वजनिक आक्रोश के साथ इजरायल के लिए अपने समर्थन को संतुलित करना पड़ा है, जिस पर इजरायल ने पिछले अक्टूबर में हमास के एक आश्चर्यजनक हमले के बाद आक्रमण किया था।
वी न्यूज 24 फॉलो करें और रहे हर खबर से अपडेट
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें